उदास चेहरे पर हंसी लाने वाले वीरेंद्र सिंह ढिल्लों उर्फ बीनू ढिल्लों आज 44 साल के हो गए हैं। भांगड़ा से शुरू होकर, उन्होंने मंच और टेलीविजन पर अपनी यात्रा की योजना बनाते हुए पंजाबी सिनेमा में प्रवेश किया। फिल्में किसी खास दायरे तक ही सीमित नहीं हैं। समय के साथ इसमें बदलाव आया।
कॉमेडियन कैरी ऑन जट्टा से बदल गया था, जो यूके का लड़का था, तेरा मेरा क्या रिश्ता,जिनहे मेरा दिल लूटिया में एक खलनायक था। एक कॉमेडियन के रूप में बहुत सफल फिल्में बनाईं। उनमें से प्रमुख थे, अंग्रेज,गोरियां को दफा करे, लकी की उनलकी सटोरी, बेस्ट ऑफ लक, सिंह वर्सेज कौर, लव पंजाब, मिस्टर एंड मिसेज 420। पार्टी शुरू होने के बाद से वह हीरो बन गया है। बहुत सारे लोग यह कहते रहे कि आप नायक की तरह नहीं दिखते हैं, लेकिन वेख बारात चलिया, काला शाह काला, बधाईयां जी बधाईयां में उन्होंने साबित किया कि अगर किसी व्यक्ति के पास ताकत है तो वह कुछ भी कर सकता है।
उनके अभिनय की खासियत यह है कि वह खलनायक होने पर भी दर्शकों को हंसा सकते हैं। "मुंडे युके दे" के स्ट्रॉ सीन को याद रखें। उसी तरह से जिनहें मेरा दिल लुटिया वह एक खलनायक होने के बावजूद एक कॉमेडियन बहुत अच्छे है। उन्होंने हास्य कलाकारों की भीड़ में भी अपने अभिनय का जौहर दिखाया। वह कैरी ऑन जट्टा में घुग्गी, भल्ला, बीएन शर्मा और अनमोल जैसे हास्य कलाकारों से अभिभूत थे। एक काला कोट पहनने का उनका संवाद आज भी हर किसी के जुबान पर है।
यह वी पडे -मेहर मितल
आज, उनके जन्मदिन पर उन्हें बधाई देते हुए, हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें लंबी आयु प्रदान करें और उन्हें अभिनय में नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।
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